देवताओं की शरारत [The Gods Must Be Crazy!]
साम्यवाद के गढ़ से पूंजीवाद के तहखानों तक
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Narrado por:
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Ragini Sinha
Sobre este áudio
ह मधयतर आह अमरक!अय यई यई ! आमह नवन वरलड ऑरडरचय मधयभग आहत!समरजय वढतत, अधगत करतत आण पडतत. रमन, ओटमनस आण बरटशसह इतहसन हच चकर पहल आह. त सरव उदधवसत झल आहत आण जर आपण सवधगर बळगल नह तर अमरक पढल असल.आजच बरचस उदयग ह करजचय आहर गलल अतयत आरथक अभयतरक बडक आहत, ज कमट सपचय तलत फडफडत आहत. दरदवन, अनकन आयप गधडचय तवडत तयच मतय झलयच दसन यईल.जर आपण आपल तरप च पतत बरबर खळल नहत, तर पढच उगर समरजय - चनच मधय रजय - आमहल नषट करल; आण यएस आण इतर शभरहन अधक दशकडन, जथ तयन बलट अड रड इनशएटवह (BRI) चय डजटल सलक रड (DSR) दवर, 2008 चय आरथक तसनमपसन आरथक आण डजटलदरषटय वसहत कल आह, तथ बल गळ करणयसठ तयचय कमचय मलन पठवल ...उदयगल पनह महन बनव भडवलशहच पय शधन कढत आण बलड बक बटर आण यऊ घतललय चथय रकपसन आपलयल वचवणयसठ, रझवलटच य कळच आदरश, वजय आण यगधरम शधत.हय ह मधयतर आह, अमरक!
इस पसतक क नम 1980 क कमड फलम द गडस मसट ब करज स पररत ह कर रख गय ह उस फलम म कक कल क एक खल बतल क हवई जहज़ स फक जत ह ज अफरक क आदवसय क एक गव म गरत ह गव वल क लगत ह क बतल क अदर दवतओ क ओर स एक भट ह, और उस क लए उनम लडई छड़ जत ह इसस तग आकर आदवस नत उस बतल क दवतओ क लटन क लए दनय क आखर छर तक क तरथ यतर करत ह मर पस भ कक क बतल क एक रपक ह जसस म एक नए समरजय क शरआत दख प रह ह इसस पहल क बहत दर ह जए, यह पसतक पजवद और उदयम (एटरपरइज) क वरतमन समरजय क बहल करन क लए एक इचछपतर ह
Please note: This audiobook is in Hindi.
©2023 Saji Madapat (P)2023 Saji Madapat